आज के समय में स्वयं की विकास के लिए कैंप काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मैंने भी निजी स्तर पर एक सप्ताह के लिए एक कैंप में हिस्सा लिया। उस कैंप ने मुझे अनेक तरीके से स्वयं को विकसित करने में सहायता प्रदान की।
सबसे पहले, कैंप ने मुझे आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की। पहले मैं कई चीजों से डरता था और अपनी क्षमताओं पर संदेह करता था। कैंप में हमें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे पानी में कूदना, ऊंचाई से लटकना आदि। इन सभी गतिविधियों में भाग लेकर मैंने अपने डर को पार कर लिया और अपनी क्षमताओं पर भरोसा बढ़ा। अब मुझे अपने आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई है।
दूसरी बड़ी बात जो कैंप ने मुझे सिखाई वो नेतृत्व क्षमताओं का विकास था। हमें छोटे-छोटे समूहों में बांटा गया और हर समूह को कुछ-न- कुछ करने को दिया गया। कई बार मुझे ही समूह की अगुआई करनी पड़ी। इससे मेरी टीम वर्किंग और कम्युनिकेशन कौशल में सुधार हुआ। साथ ही मैं समस्याओं का समाधान ढूंढने में भी सक्षम हो गया। अब मैं अपने सहकर्मियों को नेतृत्व देने में सक्षम हूं।
तीसरी बहुत ही महत्वपूर्ण बात जो कैंप ने सिखाई वो सहयोग कौशल का विकास था। किसी भी टास्क को पूरा करने के लिए हमें एक- दूसरे पर भरोसा करना पड़ा और साथ मिलकर काम करना पड़ा। यह मुझे समझा कि केवल अकेले काम नहीं बल्कि दूसरों के साथ मिलकर काम करना भी बहुत जरूरी है। अब मैं दूसरों की भावनाओं को समझने में सक्षम हूं और उनके साथ बेहतर सहयोग कर सकता हूं।
चौथा क्षेत्र जहां कैंप ने मुझे विकसित किया वो समय प्रबंधन कौशल का विकास था। कैंप में हमें अनेक कार्यक्रमों में से कुछ को चुनना पड़ता था क्योंकि सभी कार्यक्रम एक साथ नहीं होते थे। इसलिए मुझे योजना बनाकर समय का प्रबंधन करना सीखना पड़ा। अब मैं अपना समय बेहतर ढंग से बांट सकता हूं और काम पूरा करने की अपेक्षित समय- सीमा के भीतर पूरा कर सकता हूं।
पांचवां क्षेत्र जहां कैंप ने मेरी मदद की वो संदेश देने की क्षमता का विकास था। हमें अलग- अलग संदेशों को समूह के सामने प्रस्तुत करना पड़ता था। इससे मेरी भाषण क्षमता और अभिव्यक्ति कौशल में सुधार हुआ। अब मैं अपने विचारों को स्पष्ट और सुसंगत रूप से व्यक्त कर सकता हूं। इसके अलावा कैंप