स्व-सम्मान (सेल्फ-एस्टीम) क्या है?
स्व- सम्मान हमारी खुद के बारे में अपनी सोच और अपने आप को स्वीकार करने का तरीका है। यह हमारी अंदरूनी भावनाओं से जुड़ा हुआ है जो हमें अपने आप को प्यार करने में मदद करता है या नहीं करता है। जब हम अपने आप को स्वीकार करते हैं और हमारी कमजोरियों के बावजूद हमारी ताकतों पर ध्यान देते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ जाता है।
स्व-सम्मान के महत्वपूर्ण घटक हैं:
अपने आप के मूल्य का अहसास- जब हम अपने आप को किसी विशेष मूल्य के साथ स्वीकार करते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
सक्षमता का अहसास- जब हम अपनी क्षमताओं और सफलताओं पर ध्यान देते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
अपने निर्णयों पर विश्वास- जब हम अपने विचारों, भावनाओं और निर्णयों पर भरोसा करते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
आलोचना सहन करने की क्षमता- जब हम आलोचना को स्वीकार करने में सक्षम होते हैं और सीखते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
प्रशंसा और सराहना स्वीकार करना- जब हम दूसरों की सराहना स्वीकार करने में सक्षम होते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
इन घटकों के साथ, हमारे आत्म-अवलोकन, स्व-प्रभाव और आत्म-अनुशासन भी हमारे स्व-सम्मान को प्रभावित करता है। जब हम खुद को संतुष्ट और खुश महसूस करते हैं, तो हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
स्व-सम्मान के मुख्य स्रोत हैं:
परिवार और दोस्तों से सकारात्मक संबंध- प्यार और स्नेह से भरपूर रिश्ते हमारे स्व-सम्मान को बढ़ाते हैं।
सफलताएं और उपलब्धियां- क्या हमने कुछ अति साहसिक और चुनौतीपूर्ण किया है जिसमें हमने सफलता पाई है? ऐसी सफलताएं हमारे स्व-सम्मान को बढ़ाती हैं।
आत्म-विकास कार्यक्रम- जैसे कि नए कौशल सीखना, नई हॉबीज अपनाना आदि से हमारा स्व-सम्मान बढ़ता है।
स्व-प्रशंसा- अपने गुणों, क्षमताओं और उपलब्धियों की स्वयं से प्रशंसा करना स्व-सम्मान को बढ़ाता है।
सकारात्मक आत्म-दृष्टि- अपने बारे में सकारात्मक सोच रखना और अपनी कमजोरियों से ज्यादा अपनी ताकतों पर ध्यान देना स्व-सम्मान को बढ़ाता है।
उच्च स्तर का स्व-सम्मान हमारी सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है। यह हमें अधिक स्वतंत्रता और आत्म-निर्णय लेे की क्षमता प्रदान करता है। इससे हम खुश और स्वस्थ रह