स्व-आत्मसम्मान का अर्थ
स्व- आत्मसम्मान स्वयं के प्रति अपनी भावनाओं और अपनी क्षमताओं और उपलब्धियों के प्रति अपनी अभिग्रहण को संदर्भित करता है। यह एक व्यक्ति का अपने आप के प्रति दृष्टिकोण है और यह निर्धारित करता है कि एक व्यक्ति अपने आप को कितना महत्वपूर्ण और सक्षम महसूस करता है।
स्व-आत्मसम्मान एक सकारात्मक तरीके से अपने आप को देखने और समझने की क्षमता है। यह व्यक्ति के अंदर अपने आप में विश्वास रखने और अपने लक्ष्यों, इच्छाओं और सपनों को हासिल करने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम होने का अहसास दिलाता है। एक व्यक्ति जो अच्छा स्व-आत्मसम्मान रखता है वह अपने आप को अन्यों की तुलना में कमतर नहीं महसूस करता है।
अच्छे स्व- आत्मसम्मान वाले व्यक्ति अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयासरत रहते हैं और विफलता से निराश नहीं होते हैं। वे अपनी कमियों को स्वीकार करने में सक्षम होते हैं और सीखने के लिए उनसे सीखते हैं। वे आत्मसम्मान बढ़ाने वाले कार्यों में शामिल होते हैं, सकारात्मक रूप से खुद के बारे में सोचते हैं और अपने जीवन में ऐसी गतिविधियों को शामिल करते हैं जो उन्हें खुशी देती हैं।
अच्छे स्व- आत्मसम्मान वाले लोग अपनी क्षमताओं और उपलब्धियों के प्रति गर्व महसूस कर सकते हैं और अपने आप को मूल्यवान समझते हैं। वे दूसरों की सराहना और प्रोत्साहन के लिए खुले होते हैं। उनमें नेतृत्व की क्षमता होती है और वे स्वयं के लिए निर्णय लेे में सक्षम होते हैं।
सामाजिक स्व-आत्मसम्मान का मतलब है लोगों के बीच संबंधों और सामाजिक स्थिति से संबंधित आत्मसम्मान। यह लोगों के साथ अपने संबंधों को कैसे देखते हैं और उनके द्वारा स्वीकार किए जाने का अनुभव कैसे है, इस पर निर्भर करता है। एक व्यक्ति का सामाजिक स्व-आत्मसम्मान उसकी सामाजिक स्थिति, पहचान और सामाजिक संबंधों पर निर्भर करता है।
स्व-आत्मसम्मान का स्तर कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे — व्यक्ति का परिवार और मूल्य, उसकी शैक्षिक पृष्ठभूमि, उसकी उपलब्धियां और विफलताएं, साथियों का प्रभाव, आत्म-देखभाल और आत्म-स्वीकृति। लोगों का स्व-आत्मसम्मान उनके व्यक्तित्व, चरित्र और आत्म-अवधारणा पर निर्भर करता है।
स्व-आत्मसम्मान का महत्व
सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य के लिए — अच्छा स्व-आत्मसम्मान